Poem ज्ञानार्जन Date: March 20, 2018Author: Pragya@shatadal 0 Comments सागर में कितने मोती हैं कुछ मछुआरे लाते हैं कुछ तुम तक पहुंचाएं जाते हैं तुम कुछ धारण करते हो कुछ अलमारी में धरते हो जितना भी अर्जन कर पाए वो सदैव ही कम होगा। पारावार नहीं भंडारों के स्वाति नक्षत्र की बूंदों का। Like this:Like Loading... Related