तुम कहाँ से हो?

मुम्बई।

नहीं , बोली बिहारी है तो मेरा मतलब बिहार में कहाँं?

कुशहर।

कहाँ है?

शिवहर जिला…सीतामढ़ी के पास।

अच्छा ,मैं दरभंगा से हूँ।

अच्छा! मैं भी… मतलब कक्षा छः से दसवीं तक फिर बाहर चले गए।

अच्छा, कहाँ ?

राँची।

क्या बात है, मै भी वहीं पढ़ी, फिर वहाँ से दिल्ली।

अरे क्या इत्तेफाक दिल्ली विश्विद्यालय के कॉलेज से मैं भी स्नातक।

अच्छा , वाह ।

स्कूलिंग कहाँ से स्टार्ट किया था ?

जमशेदपुर से, मज़ेदार शुरुआत थी, झोपड़पट्टी वाला स्कूल और टिन का बस्ता था, तब बिहार था, अब झारखंड।

अरे क्या बात है, पर प्रॉपर स्कूलिंग कहाँ से?

पहले तुम बताओ?

दरभंगा होली क्रॉस कान्वेंट, फिर उसके बाद रोज़ पब्लिक फिर जीसस एंड मेरी ,हर जगह के दोस्तों से है अब भी बात चीत।

गुड।

अब तुम?

मेरा भी ऐसा ही था कुछ यहाँ वहाँ जैसा।
किंडर गार्टन से कक्षा तीन तक पटना क्राइस्ट चर्च से , वहां से सबा ,सदफ , पल्लवी , आदिल , सनोबर याद हैं कॉन्टैक्ट में नहीं। कित कित खेलते थे, टाइल्स वाला पत्थर चुनते थे , जितना स्लीक उतना अच्छा फिसलेगा, वो तब ट्रेंड में था बच्चों में।
इस खेल को “hop skip jump” कहते हैं ऐसा मुझे मेरे बेटे की नर्सरी की किताब के कवर पेज को बहुत दिनों तक देखते देखते पता लगा।

इतना याद है? आगे कहाँ पढ़ी ? पूर्णिया कहा था एक बार?

अरे हाँ, गर्मी की छुट्टियों वाला घर और शादी से पहले का परमानेंट एड्रेस।

नाइस! अच्छा कक्षा तीन के बाद?

फिर दिल्ली, शिक्षा भारती पब्लिक स्कूल पालम हवाई अड्डा, क्लास फोर ।

ग्रेट! किसी से कॉन्टैक्ट?
सोनाली रावत, दीपिका , एम. डी., श्याम सुंदर याद हैं, कॉन्टैक्ट नहीं , मणिपुर की सोनिया दी, प्रेमलता दी भी याद हैं , बेहद सुंदर थीं।सोनाली रावत घर से हमेशा मेरे लिए पराँठे लाती थी।

अरे वाह!
ओह मेरा स्टॉप आ गया… दुनिया छोटी है हो जाएगा कॉन्टैक्ट, बाई!

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