“would you like you, if you met you?”

कुछ दिन पहले ये सवाल किसी मोटिवेशनल साइट के पेज पर पढ़ा।

जी , ये ठुड्डी पे ऊँगली अड़काये खिड़की के बाहर सोचते रह जाने वाला सा सवाल है,
इसको सोचते कई बार मुस्कराना हो जाता है,
अपने आप से मिलने के लिये बाल भी नहीं बनाया ।
बस चाय का कप लिए और टिक गए ,
टहलते चबूतरा मिल गया
तो हम दोनों को लगा कि बैठा जा सकता है,
थोड़ा चुक्कुमुक्कू से पैर लगाकर
बाहों से घुटनों तक अपने आप को समेट लिया
गोधूली में आंखों के कोर छोटे छोटे से होकर दूर बहुत दूर देखते गए
चाय ठंडी हो गई।
रात हो गयी
डायरी में कुछ नहीं लिखा गया।
जो भी था सब बात बताई
बात सुनी गयी
किसी बात पे हँसना हुआ
ये सब लिख सकते हैं क्या?

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