मित्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं
अगस्त के पहले रविवार में
किसी के काम जरूर आयें।

जो भी मित्र हमने बनाया
वो कभी ना कभी दोस्ती के नाम आया।
जहाँ न आ पाया नाम अपना सूची में
उसने अनजाने किसी के काबिल तो बनाया।

हर उस बचपन को धन्यवाद
जो साथ बैठ टिफ़िन खातेे है।
गजब की ताजगी भरा स्वाद
अब तक रोज ! सुबह छः से आठ में पैक होते हैं।

कहाँ है वो मेरे यार
साथ जिनके दिल्ली का हुआ था दीदार
टहल आते हैं उनकी शाबाशी में
फिर चांदनी चौक के परांठे लेकर।

मेरी इक्की दुक्की सी मंडली में
चार चाँद लगा गये,
कुछ तो ऐसे आये
मुझको मुझसे मिला गए।

– प्रज्ञा 6 अगस्त 2017

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