चींटी हार नहीं मानती है
कितनी मसली गयी
लुढ़काई गयी
बोझ सहे
सब नियती मान कर
बढ़ती जाती है
हम चींटी ही तो हैं
प्रकृति के आगे
इसलिए हम हार नहीं मानते हैं
बढ़ते जाते हैं
जीत की मुस्कान लिए।
#मनकेहारेहारहै #मनकजीतजीत।
चींटी हार नहीं मानती है
कितनी मसली गयी
लुढ़काई गयी
बोझ सहे
सब नियती मान कर
बढ़ती जाती है
हम चींटी ही तो हैं
प्रकृति के आगे
इसलिए हम हार नहीं मानते हैं
बढ़ते जाते हैं
जीत की मुस्कान लिए।
#मनकेहारेहारहै #मनकजीतजीत।
चींटियां:
मैंने चींटियों को कतार में चलते देखा है
न जाने कहां जाने की जल्दी है उन्हें
शायद उन्हें मंज़िल नही पता
सिर्फ रास्ते पता हैं।
चलना उनकी नियति है ।
उन्हें कल का नही पता
फिर भी चली जाती हैैं
वे एक दूसरे को जानती हैं
रास्ते में कुछ बातें भी करती हैं।
फिर अपने रास्ते पर निकल जाती हैं
इंसानो से तो ये बेहतर हैं
मंज़िल पर पहुंचने की कोई होड़ नही
देर सवेर ये मंज़िल पर पहुंच ही जाएंगी
ईश्वर का करेंगी धन्यबाद
फिर नये राह पर निकल जाएंगी
नये मंज़िल की तलाश में।
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बेहतरीन
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धन्यवाद.
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