रोज़मर्रा की बातों में
कुछ गैर ज़रूरी बताना भूल गयी
एक अरसे से मैं तुम्हारे प्यार में हूँ
ये सच जाताना भूल गयी।

– एक पत्नी की तरफ से

एक शौक से ज़िंदा रह गए हम
एक शौक भी ज़िंदा है हमसे
काम ये भी रहा ज़रूरी मगर
कुछ अलग करें ज़माने से!
– एक बाप ने बेटे के नाम से इत्र बनाई है, अपने शौक की डायरी में एक टिक लगाई है, ये चार लाइनें उनकी अनकही मोहोब्बत पर।

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