बाप भाई माँ और भाभी
वाला एक पूरा परिवार भी
किसी बड़े परिवार का
महज़ छोटा सा हिस्सा होता है।
ज़रूरतों ने तोड़ दिए आकार
नई चीज़ों ने मोड़ दिए मन
चीज़ें जो कचरा हो गयीं
लेकिन मिल बांटी नहीं गयीं
बाँट कर खाय राजा घर जाय
नहीं रहीं जायज़ किंवदंतियां
अपने-अपने घेरे के बाहर
सारी दुनिया नाजायज़ है
आओ पीठ पीछे बात करें।
रिश्ते तो जन्म लेते से तय हो जाते हैं।
समय के साथ होगा क्या ये किसने देखा है।
आज पता नहीं आपके बिना जीना कैसे है
कल पता नहीं आप किस हालात में कहाँ कैसे हैं।
-प्रज्ञा
Nice
LikeLike
बहुत अच्छा 👌👌👌
LikeLike
आभार केशव जी!
LikeLiked by 1 person