यह कैसी विडंबना है, जो लोग फ्रंट पर इस बीमारी से लड़ रहे हैं उनके साथ नासमझ जनता अब भेदभाव और छुआ छूत पर उतर आयी है। नर्सेस, डॉक्टर्स , एयरपोर्ट स्टाफ , सरकारी विभागों के कर्मचारी सभी खुद को सैनिक में बदल कर भारत की जनसंख्या को बचाने में खुद को जोखिम में डाल रहे हैं। मूर्ख लोग उनको घरों से निकाल रहे और रहने नहीं दे रहे , हिंसक हो रहे हैं।

ये इंडियन फ़िल्म का गाना मुझे काफी पसंद है और सुन भी रही। सचमुच कुछ लोग अपने आप को दांव पर लगा दिए हैं ताकी जीता रहे अपना हिंदुस्तान।

दोस्तो, साथियो हम चले
दे चले अपना दिल, अपनी जान
ताके जीता रहे, अपना हिंदुस्तान

हम जिए, हम मरे इस वतन के लिए
इस चमन के लिए
ताके खिलते रहे गुल हमेशा यहा

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