आज के महाभारत एपिसोड से श्रुति स्मृति पर आधारित नोट्स, लेक्चर लिखने के आदत तो स्कूल के दिनों से है आज तो टीचर कृष्ण जी ही थे।
हे पार्थ!
मैं जल में रस हूँ
सूर्य में प्रकाश हूँ
स्वरों में ओम हूँ
अग्नि में तेज हूँ
वृक्षों में पीपल हूँ
तपस्विओं का तप हूँ
प्राणियों का जीवन हूँ
विद्वानों में बुद्धि हूँ
मैं सब में हूँ
फिर भी सबसे अलग
मैं अविनाशी हूँ
मैं निर्गुण हूँ
मैं ही सृजन में
मैं ही विलोपन में
मैं ही सबका आधार हूं।
प्राणियों के ह्रदय में स्थित आत्मा हूं।
मैं वेदों में सामवेद।
देवों में इंद्र।
इंद्रियों में मन
सेनापतियों में कार्तिकेय
सिद्धों में कपिल मुनि
गजों में एरावत
धेनुओं में कामधेनु
दैत्यों में प्रहलाद हूँ
पक्षियों में गरुड़ हूँ
कभी न समाप्त होने वाला समय हूं।
मैं ही मृत्यु हूं मैं ही जन्म हूँ।
ऋतुओं में ऋतुराज
मुनियों में व्यास
कवियों में शुक्राचार्य
पांडवों में अर्जुन हूँ
यादवों में वासुदेव हूँ
बहुत खूबसूरत भगवान श्रीकृष्ण के सन्देश को शब्दों में लिखने के लिए।
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आभार आपका सामाज में व्याप्त हिन्दू मुस्लिम तनाव को देखते हुए मन गीता और सनातन संस्कृति की तरफ ही कर लेने का होता है।
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Very nice ..I always love to read your writing
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So kind of you, however this is direct verse from Geeta Translated by Rahi Masoom Raza in TV series, so my only credit is to write time while listening
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