मैंने योरकोट पब्लिशिंग से अपनी अड़तालीस क्षणिकाएं पब्लिश करवाकर सिरहाने रख ली हैं। प्यारी सी सपनीली सी बुकलेट होती है। रंग रोगन मार्केटिंग वाले लेकिन शब्दों की नब्ज़ पकड़ते से वालपेपर, भावनाओं के मैनेजर भी कितना सोच सोच के चलते हैं।
जनवरी 2020 में ही भेजा था छपने, कोरोना के कारण डोरपिक्स वाले बोले कि सब बंद पड़ गया अब बाद में अनलॉक के बाद ही प्रिंट होगी। फिर मैं भूल गयी। फिर डोरपिक्स वाले भी भूल गए। हफ्ते भर पहले अचानक जाग गयी थी नींद से कि अरे ऐसे कैसे छोड़ दूँ। मेल किया, उन्होंने किताब की ऑर्डर आई डी माँगी।
किताब आज अमृता प्रीतम जी के बर्थडे पर डिलीवर हुई है। आज तीस तरीख है, ये अलग बात है कि मार्च का नहीं अगस्त का है। तारीख तीस है।
स्मृतियों के एलबम सी किताब की अवधारणा कैसे बनी उसकी कहानी पढ़िए नीचे दिए लिंक बोलते शतदल पर।
बहुत बहुत बधाई प्रज्ञा जी
Doorpix और Yourquote के माध्यम से छपने वाली ये पुस्तकें सच में हमारे दिल के बहुत करीब होती हैं। भावनाओं की चासनी में डूबे शब्द अनुकूल वॉलपेपर के साथ जब पुस्तक के रूप में सामने आते हैं तो उसका अनुभव अत्यंत दिव्य होता है।
बहुत बहुत शुभकामनाएं
LikeLiked by 1 person
सत्यार्थ कविताए
क्या यह सही हैं
LikeLike
जी ऐसा ही कुछ
LikeLike
अक्षर शब्द बनते वही
बनते वही है सदा
सत्यार्थ की राह दिखाते जो
राह दिखाते एक नई यहां।।
कोशिश करते लिखे हम भी
पर सत्य का ज्ञान ना हमे मिला
उबड़ खाबड़ राहे अनेक दिखी
अभी कंकरों से हु बहुत घिरा।।
LikeLiked by 1 person
ThankS
बहुत अच्छा जवाब था
ज्ञान तो है आपमे
आंकलन नही अनुमान हैं
LikeLiked by 1 person
जी आभार
LikeLike
क्या आप
बोलते शतदल
का भावार्थ बता सकते हैं
मुझे समझ नही आ रहा
इसका भावार्थ
Please
LikeLiked by 1 person
शतदल कमल होता है , शत मने सौ, दल मने आप पत्तों से ले सकते हैं। बोलते शब्द, बोलती बात करती क्षणिकाएं
LikeLike
Wow
बहुत बहुत बधाई हो
एक अमर जीवन के लिए
कहते है शब्द सदा अमर रहते हैं
ओर शब्दो के साथ
लेखक भी अमर हो जाता हैं।।
एक नया जीवन
सुनहरे भाग्य
के साथ
हमारी शुभकामनाओ सहित
आपका इंतजार कर रहा है।।
बहुत बहुत बधाई हो आपको
शब्दो के मनोरथ
जल्द पूर्ण हो आपके।।
LikeLiked by 1 person