कुछ समय पहले मैथिली में पहली कविता लिखने का प्रयास हुआ था, रह रह के मन में उसका अनुवाद घूमता था। प्रस्तुत है प्रेम कविता का हिंदी अनुवाद। मूल मैथिली कविता की लिंक यहाँ उपलब्ध।

प्रेम, मन का संगीत है,
प्रसन्नता है,
एक भावना,
जिसके उतपन्न होने के बाद
किसी जीव को
कष्ट देने से
कष्ट होता है
मन की वो अवस्था
जिसमें डूब कर क्रोधाग्नि
मधुर स्मित बन जाती है
प्रेम कला है, साधना है
देह की आकांक्षा नहीं है प्रेम
मिलन की आकांक्षा है
मिलन उनका
जिनकी आत्माएं
एक दूसरे के प्रेम में हैं
सृष्टि के प्रारम्भ से

प्रज्ञा मिश्र 31-अगस्त 2020,

अनुवाद – 23 अक्टूबर 2020

© http://www.shatadal.com

Advertisement