….. मैने अनंत में खोना महसूस किया है जैसे कोई मेडिटेटिव अवस्था हो और साटन की गुलाबी चादर सरीखी ज़िंदगी बहने लगी हो।
……मुझे होता है महसूस ठीक वैसा जैसे होता होगा तीन वर्ष के बच्चे को अपनी माँ की बाहों में
तुम्हारे साथ में….
तुम्हारे बाद में….
मैने जाना कि प्रतीक्षारत हो तुम, प्रतीक्षा रत हूँ मैं।
मैने जाना कि तुम्हें मेरे लौट आने की प्रतीक्षा है और न जाने कहाँ चली गयी हूँ मैं। मैने जाना कि खुद को ढूँढ लिए जाने की प्रतीक्षा में हूँ मैं।