नेहरू जयंती और बाल दिवस की शुभकामनाएं

नेहरू जी के विचारों को पढ़ कर हम समझ सकते हैं कि जनसंख्या को भीड़ बनने और भीड़ बनाकर उनको खुद निर्णय लेते रहने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता।

जनसंख्या को कुशल नेतृत्व से संचालित करना होता है, उसे दिशा देनी होती है, यही भीडतंत्र और लोकतंत्र का अंतर है।

यह एक व्यक्ति के नियंत्रण से नहीं होता, पूरी प्रणाली को इसके अनुरूप ढलना होता है।

गैरजिम्मेदार उग्रराष्ट्रवाद से मानव निर्मित सूरज चमकते हैं, जिनका परिणाम विध्वंस है।

उत्तेजना में जो मर्जी आ रहा करने के लिए एक पूरे राष्ट्र के शरीर को नहीं छोड़ा जा सकता, सब समाप्त होने के बाद इस ग्लानि का बोझ यह सभ्यता वहन नहीं कर सकती।

समय धीमे धीमे नैसर्गिक रूप से सबके हित में चलता है, हमें समय के साथ चलना होगा, समय अच्छा या बुरा नहीं होता, समय हमेशा अनुकूल होता है, जिसने प्रतिकूल समझा उसके लिए भी किसी और रूप में।

सबसे बुरे दिनों में होता
सबसे अधिक क्षमताओं का विकास
सुविधाओं को धन्यवाद, दुखों को प्रेम,
दुःख न होते तो कौन बनाता हमें ऐसा
जिसपर किसी को गर्व हो,
जिसके पास समाधान हो,
जो सबके लिए एक समान हो।

प्रज्ञा मिश्र

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