असीम त्रिवेदी प्रसिद्ध भारतीय कार्टूनिस्ट हैं और अपनी कला के माध्यम से फ्री स्पीच अभियानों के लिए जाने जाते है। वे सेव योर वोयस और भारत में इंटरनेट सेंसरशिप के खिलाफ हुए आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे हैं।

असीम त्रिवेदी जी, अन्ना आंदोलन के दौरान अपने बनाए एक कार्टून पर राजद्रोह आरोप में जेल जाने के साथ ही वर्ष 2012 से चर्चा में है

उनके शब्दों में एक बड़ी रोचक व्याख्या पढ़ी मैंने, वह अंग्रेज़ी एवं हिंदी में इस प्रकार है:

“Cartooning is always about exaggeration. This exaggeration is what makes it powerful, because it gives more strength to advocate and also has the ability to offend the other side too!”

"कार्टूनिंग हमेशा अतिशयोक्ति के बारे में है। यही अतिशयोक्ति ही इसे शक्तिशाली बनाती है, क्योंकि यह पक्षधरता को अधिक बल देती है और दूसरे पक्ष को भी ठेस पहुँचाने की क्षमता रखती है!"

साल 2012 में ही असीम त्रिवेदी जी को Courage In Editorial Cartooning (2012) पुरस्कार से नवाज़ा गया।

बेबाक और प्रेरक विचारों से लबरेज़ असीम, सोशल मीडिया के माध्यम से अपने मित्रों और प्रशंसकों के बीच कविता की विधा में भी अपनी भावनाएं व्यक्त करते रहे हैं।

मौजूदा साक्षात्कार पॉडकास्ट में सुनिए असीम त्रिवेदी जी से प्रज्ञा मिश्र की बातचीत जिसमें उनके कार्टूनिंग कैरियर, 2012 का अन्ना आंदोलन, जेल के अनुभव, सेडिशन लॉ, बिग बॉस अनुभव, भविष्य की योजनाओं से लेकर मौजूदा दौर में फ्री स्पीच की स्थिति जैसे सभी विषयों पर चर्चा शामिल है।

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