“गौरी दिवाकर संस्कृति फाउंडेशन की संस्थापक” Gauri Diwakar जी जमशेदपुर में जन्मी व पली-बढ़ी। उन्होंने कथक की शिक्षा यहीं सुमिता चौधरी जी से प्राप्त की।
पं. बिरजू महाराज, जयकिशन महाराज व अदिति मंगलदास से प्रशिक्षित होकर देश-दुनिया में अपने लिए नाम अर्जित कर चुकी हैं। गौरी जी कहती हैं कि गुरुओं के सानिध्य से उन्होंने कथक की ऊंचाईयों को छुआ है।
प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद से नृत्य प्रवीण कर चुकीं गौरी दिवाकर को 2002 में श्रृंगार मणि पुरस्कार, 2008 में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार व 2015 में जयदेव प्रतिभा पुरस्कार भी मिल चुका है।
भारत से साक्षात्कार श्रृंखला के अंतर्गत भारत संवाद की प्रस्तुति में सुनिए गौरी दिवाकर से Pragya Mishra की बातचीत, जिसमें कथक नृत्य का वर्तमान परिदृश्य, गुरु–शिष्य परंपरा, नृत्य के अभ्यास संबंध आदि पर गौरी जी के सारगर्भित विचार उपलब्ध हैं।
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#BSPodcasts: देश-दुनिया में अपने लिए नाम अर्जित कर चुकी, कथक नृत्यांगना गौरी दिवाकर जी से ख़ास साक्षात्कार