जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान।
मोल करो तलवार का , पड़ा रहन दो म्यान।
इन विचारों से सरोकार रखने वाले मुकेश कुमार झा गायक बनना चाहते थे, पिता ने कहा तबला वादक बनो, उन्होंने तबले की कमान संभाल ली। हरफन मौला होते हुए भी खुद को बाथरूम सिंगर कहने से नहीं हिचकते, संगीत में ईश्वर खोजते हैं और हर आदमी जिसके पास देने को ज्ञान हो उसे ही साधू समझते हैं। पिता साल 2009 में अनंत यात्रा पर चले गए तब से आज तक हर प्रस्तुति में पिता की प्रशंसा खोजते हैं।
तबला वादक श्री मुकेश कुमार झा जी का जन्म सुखसेना गांव में हुआ। वे पूर्णियां जिला के निवासी है पीढ़ियों से पूरा परिवार संगीत की सेवा में है।
संप्रति – पूर्ण कालिक संगीत गुरु , तीस से अधिक वर्षों का अनुभव ।
संगीत शिक्षा : तबला वादन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्रभाकर संपूर्ण किया।
तबला वादन प्रस्तुति
वर्ष 2006 से 2009 तक प्रतिवर्ष वन गांव, महिषी, सहरसा के पास, होली के रंगारंग कार्यक्रम के लिए बनारस घराने के पंडित भोलानाथ मिश्र जी के साथ तबले पर संगत करने का सुअवसर प्राप्त हुआ।
वर्ष 2009 में पंडित भीमसेन जोशी जी के मुख्य शिष्य हरीश तिवारी जी के साथ आयोजन में तबला वादन का अवसर प्राप्त हुआ।
जुलाई 2014
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पर “गुरु प्रणाम” कार्यक्रम में एपीजे अब्दुल कलाम श्रद्धांजलि समारोह में दिल्ली के India Habitat Centre के मंच पर बनारस घराने के पंडित भोलानाथ मिश्र जी के तबला वादन में साथ मंच साझा किया।
फरवरी 2017
पूर्णिया के विद्या विहार , परोरा शैक्षणिक संस्थान में Spic Macay द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वायलिन वादक श्री जौहर अली खान जी के साथ तबले पर संगत करने का अवसर मिला।
सम्मान पर बात छिड़ी तो वे कहते हैं पिता का आशीर्वाद, दोनो बड़े भाइयों का स्नेह, घर में संगीत का माहौल, पीढ़ियों के अनुभव, सतत साधना, मां सरस्वती की निरंतर कृपा, उनके हाथों सीखते गायक बनते बच्चे और दिग्गजों के समकक्ष प्रस्तुतियां यही उनका सम्मान हैं भौतिक दुनिया इससे बड़ा सम्मान नहीं दे सकती।
ग्रामीण परिवेश को अपना पूरा जीवन समर्पित कर मुकेश कुमार झा जी मोबाइल और तकनीकी झंझावातों से बिलकुल दूर हैं और उनके छात्र किसी भी तकनीकी सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। इस प्रकार वे अपना पूरा ध्यान मां शारदे के आशीर्वाद से तबला वादन की साधना में और बच्चों को संगीत सिखाने में ही लगाते हैं। उनके परिवेश को अब तक सोशल मीडिया के लाइक शेयर सबस्क्राइब का दीमक नहीं लगा है वे केवल आत्म संतुष्टि के संगीत के प्रति समर्पित है जिसमें रूढ़ियों का भी स्थान नहीं है नूतन पुरातन का सहर्ष स्वागत भी है
मुकेश झा जी को हाल के वर्षों में भागलपुर अंग शिखर सम्मेलन में उनको संगीत में सतत योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
हम सुनेंगे मुकेश कुमार झा जी को रविवार सुबह 11 बजे राग लिगेसी कार्यक्रम में, 22 जनवरी 2023 केवल Mentza app पर।
पूरा आलेख प्रज्ञा मिश्र से बात चीत के आधार पर

तबला वादन MENTZA लिंक
